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Showing posts from September, 2024

भारतीय कृषि में सतत विकास के लिए जैविक खेती और प्राकृतिक कृषि की बढ़ती भूमिका

भारतीय कृषि में कई वर्षों से आधुनिक तकनीक और उर्वरक आधारित खेती का प्रमुख स्थान रहा है, लेकिन इसके बावजूद किसान अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, जल संसाधनों की कमी और फसलों पर कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण किसानों के समक्ष स्थायित्व की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में जैविक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) और प्राकृतिक कृषि (नेचुरल फार्मिंग) जैसे विकल्प भारतीय कृषि के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। भारतीय कृषि में जैविक और प्राकृतिक कृषि की आवश्यकता भारत में कृषि क्षेत्र सदियों से मुख्य आय का स्रोत रहा है। लेकिन कृषि के अत्यधिक रासायनिक निर्भरता ने धीरे-धीरे मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुँचाया है, जिससे किसानों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है। ऐसी परिस्थिति में जैविक और प्राकृतिक खेती के तरीके एक स्वस्थ, सतत और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित विकल्प बनकर उभर रहे हैं। जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और हार्मोनों का उपयोग नहीं किया जाता, जबकि प्राकृतिक कृषि में स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके फसल उत्पादन किया जाता है, जि...

भारतीय कृषि में तकनीक और नवाचार का योगदान

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ 50% से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। लेकिन इसके बावजूद, भारतीय कृषि क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जैसे कि छोटे भूमि के टुकड़े, अनिश्चित मानसून, मिट्टी की उर्वरता में कमी, और फसल उत्पादन में गिरावट। हाल के वर्षों में, तकनीकी प्रगति, सरकारी नीतियों में सुधार और नवाचारों ने इन समस्याओं को हल करने की दिशा में नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे भारतीय कृषि के भविष्य को नया रूप मिल रहा है। इस ब्लॉग में हम भारतीय कृषि की वर्तमान स्थिति और कैसे तकनीकी नवाचार, सरकारी पहल और शोध इस क्षेत्र को बदल रहे हैं, इस पर चर्चा करेंगे। भारतीय कृषि की वर्तमान चुनौतियाँ भारतीय कृषि की प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं: 1. जलवायु परिवर्तन:  भारत की कृषि मानसून पर निर्भर है, जिससे यह अनियमित बारिश, बाढ़ और सूखे के प्रति संवेदनशील है। जलवायु परिवर्तन ने इन समस्याओं को और बढ़ा दिया है, जिससे फसलों की विफलता और खाद्य उत्पादन में उतार-चढ़ाव हो रहा है। 2. खेती की जमीन में कमी:  शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण खेती योग्य जमीन घट रही है, जिससे किसानों पर कम भूमि पर अ...

The Role of Technology and Innovation in Shaping the Future of Indian Agriculture

India has long been an agrarian economy, with over 50% of its population relying on agriculture as a primary source of livelihood. However, despite this deep-rooted connection to farming, the agricultural sector has faced numerous challenges, including fragmented land holdings, erratic monsoon patterns, declining soil fertility, and low crop productivity. In recent years, a new wave of technological advancements, policy reforms, and innovations have emerged as potential solutions to some of these long-standing issues, ushering in a new era for Indian agriculture. This blog post explores the current agricultural scenario in India, focusing on how technological innovations, government initiatives, and research breakthroughs are reshaping the landscape of Indian agriculture. Current Challenges Facing Indian Agriculture Before delving into the solutions, it’s crucial to understand the challenges that Indian agriculture faces today: 1. Climate Change:  India’s agriculture remains heavil...

Popular Posts

Understanding Plant Pathology

Sometimes plants get sick and no matter how much you talk to your plant, they won’t talk back. The initial step in determining if a plant has a disease is to look at the signs and symptoms. This can give you a clue about what’s going on.    Read full article about | Types of Plant Pathogens and Abiotic Stresses | Click here |     Hello I'm Tapsendra Patel and this article will provide you a background on plant diseases and the signs and symptoms common for plant pathogens. A disease is any abnormality that alters the looks or function of a plant. Plant functions are effected by this physiological process. Disease can also reduce yield and quality of harvested product. Disease is a process or a change that occurs over time. It does not occur instantly. Infectious plant diseases are caused by living organisms that attack and acquire their nutrition from the plant they infect. The parasitic organism that causes a disease is a pathogen. Numerous fungi, bact...

Introduction to Pomology :- Fruits Types, Planting, Growing and Fruit Storage

Fruits have a high nutrient content and are important sources of vitamins A, B, and B6, as well as potassium, magnesium, copper, andiron. Fruit contains fiber and are high in antioxidants. The branch of horticulture dealing with producing, storing, processing, and marketing fruits and nuts is called Pomology.  View Semester Wise Subjects list of B.Sc Agriculture | Click here to view | Fruits and nuts can be produced commercially or by the home gardeners.  Commercial fruit and nut production can be broken down into two distinct areas :- • Fresh marketing • Processing.  2010-11 estimates that about 12% contribution was given by India in total world productions of fruits. Although India is largest producer of mango, banana, papaya in the world.  India’s horticulture production is comparatively lower in productivity. Both just in case of fruits & vegetables productivity of India (11.7 & 17.3 tonnes per hectare ) it is about half of the productivity of USA ( 22....

Internship Research Report : "Indian Tea Industry: Problems & Policies"

  A.   Introduction In the world, India is the largest producer and consumer of the tea which accounts approx 27% of world production and about World Trade of 13%. The major production comes from northern India about 70 to 80% (Assam and West Bengal major contributors). In world exports India's share of tea is also drastically decreased due to more consumption in the country itself. To add to the woes of the firms and formers both international market and domestic markets is failing the prices of tea and all these changes can give adverse impact on country's economy so it is very important to identify and overcome the problems faced by tea sectors in India.   So, here I’m Tapsendra Patel with my Research Report on the Topic – “Indian Tea Industry: Problems & Policies” B.      Literature Review On earth TEA is being the most consumed beverages which is next to water The commer...

भारतीय लोग किसान बनने की इच्छा क्यों नहीं रखते?

भारतीय लोग किसान बनने की इच्छा क्यों नहीं रखते? This article is also available in English | Click here |  हर पिता चाहता है कि उसकी संतान उससे ज्यादा सफल बने और वह सारे दुख दर्द ना  झेले जो उसके पिता ने अपने जीवन काल में देखे हैं | ऐसे ही किसान की भी मानसिकता यही है | एक किसान अपने बेटे को किसान बनाना क्यों चाहेगा क्योंकि वह जानता है कि एक किसान को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है | इसके अलावा कुछ और पॉइंट्स हैं जो इस सारांश को समर्थन देते हैं :-  2001 के पहले खेती करना उतना लाभदायक नहीं हुआ करता था और ना ही कृषि से जुड़े उतने अच्छे उपकरण बने थे |  बरसात भी अनियमित हुआ करती थी  सभी लोग एक ही प्रकार की फसल लगाया करते थे सरकार और डीलर के द्वारा उच्च क्वालिटी के बीच और फ़र्टिलाइज़र नहीं उपलब्ध हो पाते थे,  कृषि  सामग्री में सब्सिडरी नहीं मिलती थी,  दलाल किसानों का सारा उत्पादन बहुत ही कम दामों में खरीद लेते थे और उसे उच्च दामों में मार्केट में बेच देते थे |  हमारे देश के किसानों ने सब देखा है मौसम की मार से लेकर सरकार के पलटने तक, हमा...

Micro and Macronutrients, Soil and Nutrients Management

A farmer should know the essential mineral elements and how they affect the following :- • Plant growth • Their deficiency symptoms • Methods for preventing or correcting deficiencies. I'm Tapsendra Patel and in this article, we will discuss about :- • Soil • Micro and Macronutrients • pH and its importance to the soil Soil It is commonly thought of as that portion of the earth surface derived from rock and in some cases containing organic remains which living organisms are associated.  Weathering breaks rocks into smaller particles by the processes of physical disintegration and chemical decomposition. The resulting changed physical and chemical characteristics of the rock make it capable of supporting the growth of plants.  The nature of a soil is dependent upon the rocks from which it was derived, but is also dependent upon the length of time and intensity of the • Chemical •Physical •Biological forces that have acted upon it. The soil in turn is the source of the essential...

भारत में कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ

भारत में कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ?   This article is also available in English | Click here | भारत में आज भी कृषि क्षेत्र का विकास बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है जिसे पूरा करना इतना आसान नहीं होने वाला है क्योंकि आने वाले 30 सालों में भारत की जनसंख्या लगभग 1.6 बिलियन ( 1,60,00,00,000) तक होने का अनुमान है, इसमें 333 मिलियन( 33.3 Crores) टन का उत्पादन एग्रीकल्चर क्षेत्र से होगा जो कि लगभग अभी के उत्पादन से एक तिहाई ज्यादा होगा । अनुमान के द्वारा अभी भारत में कई प्रकार की चुनौतियां हैं जिन्हें हम समझने की कोशिश कर सकते हैं :- •किसानों के पास कम जमीन होना :-  किसानों के पास कम जमीन होना एक बहुत बड़ी बाधा है जो कृषि क्षेत्र को अधिक फायदेमंद बनाने से रोकती है ।  खेतों में कटाई एवं विभाजन होने के कारण लगभग 5 से 6  प्रतिशत खेती योग्य भूमि व्यर्थ की रह जाती है, औसतन 85 प्रतिशत जमीन छोटे एवं मिडिल क्लास किसानों के पास है जिसके हिसाब से एक छोटे किसान के पास औसतन 0.9 प्रतिशत हेक्टेयर की जमीन है ।  जबकि हमारे देश में हर एक भारतीय नागरिक पर लगभग 1.5 ...

Why do Indian people not wish to become farmers?

Why do Indian people not wish to become farmers?    यह लेख हिंदी में भी उपलब्ध है | यहां दबाएं | Every father wants his children to be more successful than him and does not bear all the grief that his father has seen in his lifetime. This is also the mindset of the farmer. Why would a farmer want to make his son a farmer because he knows how much a farmer has to struggle. Apart from this, there are some other points which justifies this : - Before 2001 farming was not as profitable and neither the good and improved tools associated with agriculture were developed Rain was also irregular Everyone used to plant the same type of crop No more fertilizers of high quality were available by the government and the dealer. Subsidies were also not available in agricultural materials, Brokers used to buy all the produce of the farmers at very low prices and sell it in the market at high prices. The farmers of our country have seen everything from the drastic weath...

किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कैसे करें ?

 किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कैसे करें ?    This article is also available in English | Click here | आमतौर पर किसान भी जानते हैं कि जैविक खेती ही कृषि का मूल सिद्धांत है किन्तु  बढ़ती जनसंख्या के साथ उत्पादन की मांग बढ़ रही है और इसी के चलते किसान आज जैविक खेती को छोड़कर रसायनिक खेती के आधुनिक तौर तरीके अपनाने लगे हैं | जैविक खेती को अच्छा क्यों माना जाता है?  किसानों की लागत कम लगती है उन्हें महंगे महंगे रसायनिक फ़र्टिलाइज़र नहीं खरीदने पड़ते और इसका दूसरा यह फायदा है कि सारा उत्पात बिना मिलावटी रसायनिक खाद का होता है,  जो मनुष्य की सेहत को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाता और वातावरण के लिए भी अच्छा होता है लेकिन जैविक खेती के अकेले सिर्फ यही दो फायदे नहीं है इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं जो हमें किसानों तक पहुंचाना जरूरी है जैसे :- जैविक खेती से मृदा का स्वास्थ्य अच्छा होता है जिससे उस में पनपने वाले सूक्ष्मा जीव ,पौधों को उनका भोजन बनाने में मदद करते है | जैविक खाद को आप अपने खेत में ही तैयार कर सकते हैं और इससे...

Lord Shiva Sketch - HAND MADE - by Ujjwal

This sketch was made by me on  4 March, Monday on  MAHA SHIVRATRI Material Required -  • Single HB pencil , 2, 4, 6, 8 • Pencil color • Cotton cluster. Procedure - • Draw outline form Single HB Pencil. • By using HB 4 pencil, darken the outlines drawn by Single HB pencil. • Now complete the main details from top to bottom by different pencil combination. • By using HB 6, and HB 8 pencil again dark the inner shades of main outlines. • Now use the Cotton cluster to reduce the sharpness. • Gradually rub the cotton to make appearance soft, and uniform spreading of black shades. • The last step is to fill orange color with brownies flavor in the sketch. • Use pencil color for orange color also. Average time required :- • 2 Hours   - UJJWAL PATEL

Soil Salinity - Saline, Sodic, Problems & Reclamation

There are many problems faced by farmers while tilling the soil such as improper pH, erosion, or loss of organic matter and nutrients.  But one of the most serious and persistent problem over the history of agriculture, in so many of the drier regions of the world has been Salinity . View Semester Wise Subjects list of B.Sc Agriculture | Click here to view | As a broad way we can say that soils of humid regions tend to become acid, while soils of arid regions tend to become saline. I’m Tapsendra Patel and in this article we will discuss soil with it’s Salinity issues and how to overcome from this problem. Farmers in the more arid parts of the nation have a several soil related problem—an accumulation of soluble salts. This accumulation can became a major problem in dry climates where natural amount of rainfall cannot flush the salts out of the soil .  • This problem can also occur with poor drainage in irrigated fields.  Irrigation water imports salts into fields where t...