किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कैसे करें ?
आमतौर पर किसान भी जानते हैं कि जैविक खेती ही कृषि का मूल सिद्धांत है किन्तु बढ़ती जनसंख्या के साथ उत्पादन की मांग बढ़ रही है और इसी के चलते किसान आज जैविक खेती को छोड़कर रसायनिक खेती के आधुनिक तौर तरीके अपनाने लगे हैं |
जैविक खेती को अच्छा क्यों माना जाता है?
किसानों की लागत कम लगती है उन्हें महंगे महंगे रसायनिक फ़र्टिलाइज़र नहीं खरीदने पड़ते और इसका दूसरा यह फायदा है कि सारा उत्पात बिना मिलावटी रसायनिक खाद का होता है, जो मनुष्य की सेहत को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाता और वातावरण के लिए भी अच्छा होता है लेकिन जैविक खेती के अकेले सिर्फ यही दो फायदे नहीं है इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं जो हमें किसानों तक पहुंचाना जरूरी है जैसे :-
जैविक खेती से मृदा का स्वास्थ्य अच्छा होता है जिससे उस में पनपने वाले सूक्ष्मा जीव ,पौधों को उनका भोजन बनाने में मदद करते है |
जैविक खाद को आप अपने खेत में ही तैयार कर सकते हैं और इससे किसानों का पैसा भी बचता है |
जैविक खाद के उत्पादन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां पर बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है |
जैविक खेती से मिट्टी का कसैला पन दूर होता है और उसमें ( वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी ) यानी पानी पकड़ने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे पानी मिट्टी में लंबे समय तक मौजूद रहता है और बार-बार सिंचाई करने की आवश्यकता नहीं पड़ती |
कृषि में लगने वाली लागत की रकम को कम करने के साथ-साथ यह हमें ( सस्टेनेबल एग्रीकल्चर ) की तरफ भी ले जाता है मतलब प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग करते हुए उन्हें हमारी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए बचा कर रखना |
रासायनिक खाद का उपयोग करने से हमारी धरती में मौजूद भूजल को भी बहुत प्रभाव पड़ता है जिसे जैविक खेती से काफी हद तक कम किया जा सकता है
जैविक खेती करने से मृदा अपरदन ( हीरोशन ) भी कम होता है
आम जनता क्या कर सकती है ?
जितना हो सके सीधे किसानों से ही सामान खरीदें,
जो पैसा आप बड़े बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में रखे सामान को खरीदने के लिए देते हैं जिसमें वे केवल एक प्राइस टैग, पैकिंग चार्ज, और प्रिजर्वेटिव मिलाकर बेचते हैं | वह पैसा आप सीधे किसान को दें जिससे बिना प्रिजर्वेटिव वाला ताजा उत्पाद आपको मिलेगा और इसका पैसा सीधे किसान को जाएगा |
किसानों से ज्यादा मोलभाव ना करें
जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए यूं तो सरकार ने भी बहुत सारी योजनाएं निकाली है उनमें से कुछ आपके सामने प्रस्तुत हैं :-
नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन :- इस योजना में सर्टिफिकेशन एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त कराई जाती है जय योजना 2001 में स्थापित की गई थी जिसका प्राथमिक लक्ष्य जैविक खेती को बढ़ावा देना था |
परंपरागत कृषि विकास योजना :- इस योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के समूह बनाए जाते थे प्रत्येक किसान को ₹20000 प्रति एकड़ 3 साल के लिए दिए जाते थे जिससे वह बीजों की बुवाई से लेकर कटाई तक का सारा काम कर सके और साथ ही अपने उत्पादन के परिवहन का खर्च भी इसी में शामिल होता था |
- TAPSENDRA PATEL
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