भारतीय कृषि में कई वर्षों से आधुनिक तकनीक और उर्वरक आधारित खेती का प्रमुख स्थान रहा है, लेकिन इसके बावजूद किसान अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन, मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट, जल संसाधनों की कमी और फसलों पर कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण किसानों के समक्ष स्थायित्व की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में जैविक खेती (ऑर्गेनिक फार्मिंग) और प्राकृतिक कृषि (नेचुरल फार्मिंग) जैसे विकल्प भारतीय कृषि के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। भारतीय कृषि में जैविक और प्राकृतिक कृषि की आवश्यकता भारत में कृषि क्षेत्र सदियों से मुख्य आय का स्रोत रहा है। लेकिन कृषि के अत्यधिक रासायनिक निर्भरता ने धीरे-धीरे मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुँचाया है, जिससे किसानों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है। ऐसी परिस्थिति में जैविक और प्राकृतिक खेती के तरीके एक स्वस्थ, सतत और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित विकल्प बनकर उभर रहे हैं। जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और हार्मोनों का उपयोग नहीं किया जाता, जबकि प्राकृतिक कृषि में स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके फसल उत्पादन किया जाता है, जि
Sometimes plants get sick and no matter how much you talk to your plant, they won’t talk back. The initial step in determining if a plant has a disease is to look at the signs and symptoms. This can give you a clue about what’s going on. Read full article about | Types of Plant Pathogens and Abiotic Stresses | Click here | Hello I'm Tapsendra Patel and this article will provide you a background on plant diseases and the signs and symptoms common for plant pathogens. A disease is any abnormality that alters the looks or function of a plant. Plant functions are effected by this physiological process. Disease can also reduce yield and quality of harvested product. Disease is a process or a change that occurs over time. It does not occur instantly. Infectious plant diseases are caused by living organisms that attack and acquire their nutrition from the plant they infect. The parasitic organism that causes a disease is a pathogen. Numerous fungi, bacteria, viruses,