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Showing posts from March, 2024

Top 10 Nitrogen Fertilizers mostly used in Madhya Pradesh

Madhya Pradesh, the heartland of India, boasts fertile lands that have been a cornerstone of agricultural production for centuries. To maintain and enhance this productivity, farmers rely heavily on fertilizers, particularly those rich in nitrogen. Nitrogen is essential for plant growth, playing a vital role in chlorophyll formation, photosynthesis, and overall crop yield.  In this article, we'll explore the Top 10 nitrogen fertilizers commonly applied in Madhya Pradesh, covering their trade names, available forms, nitrogen percentages, application methods, rates, timings, formulations, special features, residual effects, and limitations. 1. Urea (46-0-0)    - Trade Name: Urea    - Form: Granular or prilled    - Nitrogen Percentage: 46%    - Nature of Application: Soil application, top-dressing    - Rate of Application: 100-150 kg/ha    - Time of Application: Pre-planting, top-dressing during the vegetative stage   ...

मध्य प्रदेश के किसानों को लाभ प्रदान करने वाली TOP 10 सरकारी योजनाएं

कृषि को सशक्त बनाना भारत कृषि क्षेत्र की आधारशिला के रूप में काम करता है, और सरकार, केंद्रीय और राज्य स्तर पर, कृषि समुदाय को समर्थन और सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की हैं। मध्य प्रदेश में, कृषि समुदाय द्वारा किए जाने वाले आवश्यकताओं और चुनौतियों को समाधान करने के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया गया है।  इस लेख में, हम मध्य प्रदेश के किसानों को लाभ प्रदान करने वाली दस मुख्य सरकारी योजनाओं का अध्ययन करेंगे, जो उनकी नीतियों, लाभों, पात्रता मानदंडों, शुरू करने के साल, निवेश राशि, और पंजीकरण प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ अन्यथा विवेचन प्रदान करता है। 1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN):    - नीति: इस योजना के तहत, छोटे और सीमांत किसानों को तीन समान किस्तों में वार्षिक आय सहायता ₹6,000 प्राप्त होती है।    - लाभ: कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने और आजीविका को सुधारने के लिए वित्तीय सहायता।    - पात्रता मानदंड: 2 हेक्टेयर तक की खेती करने वाले छोटे और सीमांत किसान पात्र हैं।    - शुरू करने का साल: 2019    - निव...

Top 10 Government Schemes Benefiting Farmers in Madhya Pradesh

Empowering Agriculture India's agricultural sector serves as the backbone of its economy, and the government, both at the central and state levels, has implemented various schemes to support and uplift farmers. In Madhya Pradesh, numerous schemes have been introduced to address the needs and challenges faced by agricultural communities.  In this article, we will explore 10 key government schemes aimed at benefiting farmers in Madhya Pradesh, providing insights into their policies, benefits, eligibility criteria, launch years, investment amounts, and required documents for registration. 1. Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-KISAN):    - Policy: Under this scheme, small and marginal farmers receive direct income support of ₹6,000 per year in three equal installments.    - Benefits: Financial assistance to fulfill agricultural requirements and improve livelihoods.    - Eligibility Criteria: Small and marginal farmers owning up to 2 hectares of cultivab...

मध्य भारत में उत्तम गन्ना प्रजातियों का अन्वेषण, बाजार मूल्य, मांग, और मूल्य वृद्धि के बारे में जानकारी

गन्ना, किसानी के 'मिठास का सोना' कहलाता है, और मध्य भारत के कृषि मंच पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेषकर मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में। इसके चीर्ण उपयोगों में शुगर उत्पादन, एथेनॉल, और गुड़ बनाने के विभिन्न उपयोग शामिल हैं, जिससे यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम मध्य भारत में उत्तम 10 गन्ना प्रजातियों का अन्वेषण करेंगे, जिनमें उनके चीनी प्रतिशत और अन्य गुणों के साथ-साथ बाजार मूल्य, मांग, और मूल्य वृद्धि के अवसरों की जानकारी होगी। मध्य भारत में गन्ना उत्पादन की उपयुक्तता: 1. शुगर उत्पादन: मध्य भारत में गन्ना की खेती का मुख्य उद्देश्य शुगर उत्पादन है। अधिक चीनी कंटेंट वाले गन्ने को शुगर मिलों के लिए उपयुक्त माना जाता है, जहां निकाली गई रस को क्रिस्टल शुगर बनाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का संचालन किया जाता है, जो घरेलू और खाद्य उद्योगों में एक मुख्य घटक है। 2. एथेनॉल उत्पादन: हाल के वर्षों में, गन्ने से एथेनॉल उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। एथेनॉल, एक पुनर्नवीन जैव ईंधन, पेट्रोल के साथ मिश्रण किया जाता है ताकि कार्बन उत्सर्जन को क...

Exploring the Top 10 Sugarcane Varieties Grown in Central India, with Insights on Market Prices, Demand, and Value Addition

Sugarcane, often hailed as the "sweet gold" of agriculture, holds a significant position in Central India's farming landscape, particularly in states like Madhya Pradesh. With its versatile applications in sugar production, ethanol, and jaggery making, sugarcane cultivation plays a vital role in the region's economy. In this blog post, we'll delve into the top 10 sugarcane varieties grown in Central India, highlighting their sugar percentage and other qualities, along with insights on market prices, demand, and value addition opportunities they offer. Introduction to Sugarcane Cultivation in Central India: Sugarcane cultivation in Central India, especially in states like Madhya Pradesh, has been a longstanding tradition. The favorable climate, rich soil, and adequate irrigation facilities make this region conducive to sugarcane farming. Farmers in Central India predominantly cultivate sugarcane for its commercial value, serving as a primary raw material for sugar ...

TOP 10 मोबाइल ऐप्स : कृषि सेवाओं, समाचार और अपडेट के लिए

हाल के वर्षों में, कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग भारतीय किसानों को खेती के अनुभव को क्रांतिकारी बना दिया है। स्मार्टफोन और मोबाइल ऐप्लिकेशन के प्रकट होने के साथ, किसानों को अब उनके अंगुलियों पर ही जानकारी, सेवाएं और अपडेट का खजाना मिल गया है।  ये 10 मोबाइल ऐप्स किसानों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जैसे की मौसम का पूर्वानुमान से लेकर बाजार की कीमतों, फसल प्रबंधन से लेकर कीट नियंत्रण तक। यहां, हम प्रस्तुत करते हैं भारतीय किसानों के मोबाइल डिवाइस पर होने वाले कृषि सेवाओं, समाचार और अपडेट के लिए TOP 10 मोबाइल ऐप्स की सूची। 10. अग्रिएप (Agriapp):     - लॉन्च वर्ष: 2015    - **मूल:** भारत    - सेवाएं: अग्रिएप किसानों को फसल उत्पादन, मौसम का पूर्वानुमान, बाजार की कीमतों और कृषि समाचार प्रदान करता है। यह कीट और रोग प्रबंधन पर सलाह भी उपलब्ध कराता है। 9. आईएफएफसीओ किसान (IFFCO Kisan):     - लॉन्च वर्ष: 2017    - मूल: भारत    - सेवाएं: आईएफएफसीओ किसान कृषि सूचना, विशेषज्ञ सलाह, मौसम अपडेट, बाजार की कीमतें और आई...

The Top 10 Must-Have Mobile Apps for Agricultural Services, News, and Updates : Empowering Indian Farmers

In recent years, the integration of technology in agriculture has revolutionized the way farmers in India approach farming practices. With the advent of smartphones and mobile applications, farmers now have access to a wealth of information, services, and updates right at their fingertips. These mobile apps cater to various needs of farmers, ranging from weather forecasts to market prices, crop management to pest control.  Here, we present the top 10 mobile applications for agriculture services, news, and updates that every Indian farmer should have on their mobile device. 10. AgriApp:     - Launch Year: 2015    - Origin: India    - Services: AgriApp provides farmers with information on crop cultivation, weather forecasts, market prices, and agricultural news. It also offers advisory services on pest and disease management. 9. IFFCO Kisan:     - Launch Year: 2017    - Origin: India    - Services: IFFCO Kisan offe...

Top 10 Indian Agricultural Machinery Champions : Revolutionizing the Fields

Indian agriculture is not just a sector; it’s the backbone of the country’s economy and a way of life for most of the population. Over the years, the traditional methods of farming have evolved with the advent of technology, revolutionizing agricultural practices and output. Central to this transformation is the role played by agricultural machinery and equipment, enhancing efficiency, productivity, and sustainability. This article navigates through the top 10 Indian companies leading the charge in agricultural machinery, spotlighting their contributions to the Indian agriculture economy. # 1. Mahindra & Mahindra's Farm Equipment Sector Starting off our list is the Mahindra & Mahindra's Farm Equipment Sector, a part of the USD 19.4 billion Mahindra Group. This conglomerate not only holds the position of the world's largest tractor manufacturer by volume but also has a significant presence in the Indian agricultural machinery market. Its product range includes tracto...

स्वास्थ्य के लिए आवश्यक: TOP 10 खाद्य पदार्थ जो प्रोटीन और फाइबर से भरपूर

स्वस्थ जीवन के लिए अच्छे खान-पान का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रोटीन और फाइबर हमारे दैनिक भोजन के दो मुख्य घटक हैं जो स्वास्थ्य को अच्छा रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर की मरम्मत, मांसपेशियों के निर्माण और प्रतिरक्षा प्रणाली के सुचारू रूप से काम करने में सहायक है, जबकि फाइबर पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है, वज़न नियंत्रण में मदद करता है और लंबे समय में दिल और मधुमेह जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करता है। इस लेख में, हम उन शीर्ष 10 खाद्य पदार्थों की खोज करेंगे जो प्रोटीन और फाइबर से समृद्ध हैं और हमारे भोजन में शामिल करने चाहिए। # 10. क्विनोआ क्विनोआ एक पूर्ण प्रोटीन है जो शरीर द्वारा नहीं बनाए जा सकने वाले सभी नौ अनिवार्य अमीनो अम्ल प्रदान करता है। पकाने के बाद एक कप क्विनोआ में 8 ग्राम प्रोटीन और 5 ग्राम फाइबर होता है। यह न केवल विविध व्यंजनों में उपयोगी है बल्कि मैग्नीशियम, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिजों से भी भरपूर है। # 9. चिया सीड्स चिया सीड्स एक औंस में 5 ग्राम प्रोटीन और 10 ग्राम फाइबर के साथ, ये छोटे बीज पाचन में सहायता करते हैं और भरपूरता का एहसास कराते हैं। इनम...

Top 10 Foods Loaded with Protein and Fiber for Optimal Health : The Ultimate Powerhouse

In the quest for a balanced and healthful diet, two nutrients stand out for their profound benefits: protein and fiber. While protein is the building block of life, necessary for muscle repair, immune function, and more, fiber plays a crucial role in digestive health, weight management, and reducing the risk of chronic diseases. When combined, these nutrients not only support physical health but also provide a sense of fullness, aiding in weight management and overall wellness. In this comprehensive guide, we'll explore the top 10 foods that are not just nutrient-dense but are particularly rich in both protein and fiber, making them must-haves in your dietary arsenal. # 10. Quinoa Quinoa is much more than a trendy grain; it's a complete protein, providing all nine essential amino acids your body cannot make on its own. With 8 grams of protein and 5 grams of fiber per cooked cup, quinoa is not only versatile in recipes but also boasts a wealth of vitamins and minerals, including...

Top 10 Most Consumed Agriculture-based Products in India

India is a vast and diverse country with an equally diverse palette. Agriculture plays a critical role in the Indian economy, not just as a source of employment but also as a foundation for the country's food supply. The agricultural sector in India is rich and varied, producing a wide array of products that are consumed both domestically and internationally. In this article, we delve into the top 10 most consumed agriculture-based products in India, exploring their cultural significance, health benefits, and their role in the Indian economy. #1. Rice Rice is not just a staple food in India; it's a part of the country’s cultural identity. Consumed by more than half of India's population, rice holds the crown as the most consumed agricultural product. The versatility of rice allows it to be used in various dishes, from the simple steamed rice to the elaborate biryanis and pulaos. Besides being a significant source of carbohydrates, rice is also rich in essential nutrients li...

Comprehensive Insights into Erosion and Water Erosion: Types, Stages, Management, and Crop Selection in Agriculture

Erosion is a natural geological process characterized by the removal, transportation, and deposition of soil and rock materials by agents such as water, wind, and ice. While erosion plays a critical role in shaping the Earth's surface, excessive erosion, particularly water erosion, poses significant threats to agricultural sustainability, land productivity, and environmental health. This in-depth analysis explores the types and stages of water erosion, strategies for its prevention and control, and identifies suitable crop types for erosion-prone areas, aiming to offer holistic insights from an agricultural perspective. Understanding Erosion: The Role of Water as a Double-Edged Sword Erosion serves as a natural mechanism for soil formation and landscape evolution. However, when accelerated by anthropogenic activities such as deforestation, overgrazing, and unsuitable agricultural practices, it leads to detrimental outcomes. Among the various agents of erosion, water is the most pot...

Vegetables with Their Botanical Names

 List of common vegetables along with their botanical names : | Vegetable       | Botanical Name                | |-----------------|-------------------------------| | Tomato          | Solanum lycopersicum         | | Potato          | Solanum tuberosum            | | Carrot          | Daucus carota                 | | Spinach         | Spinacia oleracea             | | Cabbage         | Brassica oleracea             | | Broccoli        | Brassica oleracea italica    | | Cauliflower     | Brassica oleracea botrytis    | | Lettuce         | Lactuca sativa...

Mastering Vermicompost Production: A Comprehensive Exploration of the Process and Steps

Introduction: In the real meaning of sustainable agriculture and waste management, vermicomposting stands out as a beacon of eco-friendliness and efficiency. Harnessing the power of earthworms to transform organic waste into nutrient-rich compost, vermicomposting offers a plethora of benefits for both the environment and agricultural practices. This extensive guide delves deep into the intricacies of vermicompost production, elucidating the process and steps involved in harnessing the potential of earthworms to create a valuable resource for soil health and plant growth. Understanding Vermicompost: Vermicompost, often referred to as "black gold" in gardening circles, is the end product of the vermicomposting process. It is a dark, crumbly substance teeming with beneficial microorganisms, enzymes, and plant nutrients—a veritable powerhouse of organic goodness. Unlike traditional composting methods, which rely on microbial decomposition alone, vermicomposting leverages the dige...

Fruits with Their Botanical Names

 Here's a list of fruits along with their botanical names presented : | Fruit            | Botanical Name                    | |------------------|-----------------------------------| | Apple            | Malus domestica                   | | Orange           | Citrus × sinensis                 | | Banana           | Musa spp.                         | | Mango            | Mangifera indica                  | | Strawberry       | Fragaria × ananassa               | | Grape            | Vitis vinif...

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Understanding Plant Pathology

Sometimes plants get sick and no matter how much you talk to your plant, they won’t talk back. The initial step in determining if a plant has a disease is to look at the signs and symptoms. This can give you a clue about what’s going on.    Read full article about | Types of Plant Pathogens and Abiotic Stresses | Click here |     Hello I'm Tapsendra Patel and this article will provide you a background on plant diseases and the signs and symptoms common for plant pathogens. A disease is any abnormality that alters the looks or function of a plant. Plant functions are effected by this physiological process. Disease can also reduce yield and quality of harvested product. Disease is a process or a change that occurs over time. It does not occur instantly. Infectious plant diseases are caused by living organisms that attack and acquire their nutrition from the plant they infect. The parasitic organism that causes a disease is a pathogen. Numerous fungi, bact...

Introduction to Pomology :- Fruits Types, Planting, Growing and Fruit Storage

Fruits have a high nutrient content and are important sources of vitamins A, B, and B6, as well as potassium, magnesium, copper, andiron. Fruit contains fiber and are high in antioxidants. The branch of horticulture dealing with producing, storing, processing, and marketing fruits and nuts is called Pomology.  View Semester Wise Subjects list of B.Sc Agriculture | Click here to view | Fruits and nuts can be produced commercially or by the home gardeners.  Commercial fruit and nut production can be broken down into two distinct areas :- • Fresh marketing • Processing.  2010-11 estimates that about 12% contribution was given by India in total world productions of fruits. Although India is largest producer of mango, banana, papaya in the world.  India’s horticulture production is comparatively lower in productivity. Both just in case of fruits & vegetables productivity of India (11.7 & 17.3 tonnes per hectare ) it is about half of the productivity of USA ( 22....

Internship Research Report : "Indian Tea Industry: Problems & Policies"

  A.   Introduction In the world, India is the largest producer and consumer of the tea which accounts approx 27% of world production and about World Trade of 13%. The major production comes from northern India about 70 to 80% (Assam and West Bengal major contributors). In world exports India's share of tea is also drastically decreased due to more consumption in the country itself. To add to the woes of the firms and formers both international market and domestic markets is failing the prices of tea and all these changes can give adverse impact on country's economy so it is very important to identify and overcome the problems faced by tea sectors in India.   So, here I’m Tapsendra Patel with my Research Report on the Topic – “Indian Tea Industry: Problems & Policies” B.      Literature Review On earth TEA is being the most consumed beverages which is next to water The commer...

भारतीय लोग किसान बनने की इच्छा क्यों नहीं रखते?

भारतीय लोग किसान बनने की इच्छा क्यों नहीं रखते? This article is also available in English | Click here |  हर पिता चाहता है कि उसकी संतान उससे ज्यादा सफल बने और वह सारे दुख दर्द ना  झेले जो उसके पिता ने अपने जीवन काल में देखे हैं | ऐसे ही किसान की भी मानसिकता यही है | एक किसान अपने बेटे को किसान बनाना क्यों चाहेगा क्योंकि वह जानता है कि एक किसान को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है | इसके अलावा कुछ और पॉइंट्स हैं जो इस सारांश को समर्थन देते हैं :-  2001 के पहले खेती करना उतना लाभदायक नहीं हुआ करता था और ना ही कृषि से जुड़े उतने अच्छे उपकरण बने थे |  बरसात भी अनियमित हुआ करती थी  सभी लोग एक ही प्रकार की फसल लगाया करते थे सरकार और डीलर के द्वारा उच्च क्वालिटी के बीच और फ़र्टिलाइज़र नहीं उपलब्ध हो पाते थे,  कृषि  सामग्री में सब्सिडरी नहीं मिलती थी,  दलाल किसानों का सारा उत्पादन बहुत ही कम दामों में खरीद लेते थे और उसे उच्च दामों में मार्केट में बेच देते थे |  हमारे देश के किसानों ने सब देखा है मौसम की मार से लेकर सरकार के पलटने तक, हमा...

Micro and Macronutrients, Soil and Nutrients Management

A farmer should know the essential mineral elements and how they affect the following :- • Plant growth • Their deficiency symptoms • Methods for preventing or correcting deficiencies. I'm Tapsendra Patel and in this article, we will discuss about :- • Soil • Micro and Macronutrients • pH and its importance to the soil Soil It is commonly thought of as that portion of the earth surface derived from rock and in some cases containing organic remains which living organisms are associated.  Weathering breaks rocks into smaller particles by the processes of physical disintegration and chemical decomposition. The resulting changed physical and chemical characteristics of the rock make it capable of supporting the growth of plants.  The nature of a soil is dependent upon the rocks from which it was derived, but is also dependent upon the length of time and intensity of the • Chemical •Physical •Biological forces that have acted upon it. The soil in turn is the source of the essential...

भारत में कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ

भारत में कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ?   This article is also available in English | Click here | भारत में आज भी कृषि क्षेत्र का विकास बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है जिसे पूरा करना इतना आसान नहीं होने वाला है क्योंकि आने वाले 30 सालों में भारत की जनसंख्या लगभग 1.6 बिलियन ( 1,60,00,00,000) तक होने का अनुमान है, इसमें 333 मिलियन( 33.3 Crores) टन का उत्पादन एग्रीकल्चर क्षेत्र से होगा जो कि लगभग अभी के उत्पादन से एक तिहाई ज्यादा होगा । अनुमान के द्वारा अभी भारत में कई प्रकार की चुनौतियां हैं जिन्हें हम समझने की कोशिश कर सकते हैं :- •किसानों के पास कम जमीन होना :-  किसानों के पास कम जमीन होना एक बहुत बड़ी बाधा है जो कृषि क्षेत्र को अधिक फायदेमंद बनाने से रोकती है ।  खेतों में कटाई एवं विभाजन होने के कारण लगभग 5 से 6  प्रतिशत खेती योग्य भूमि व्यर्थ की रह जाती है, औसतन 85 प्रतिशत जमीन छोटे एवं मिडिल क्लास किसानों के पास है जिसके हिसाब से एक छोटे किसान के पास औसतन 0.9 प्रतिशत हेक्टेयर की जमीन है ।  जबकि हमारे देश में हर एक भारतीय नागरिक पर लगभग 1.5 ...

Why do Indian people not wish to become farmers?

Why do Indian people not wish to become farmers?    यह लेख हिंदी में भी उपलब्ध है | यहां दबाएं | Every father wants his children to be more successful than him and does not bear all the grief that his father has seen in his lifetime. This is also the mindset of the farmer. Why would a farmer want to make his son a farmer because he knows how much a farmer has to struggle. Apart from this, there are some other points which justifies this : - Before 2001 farming was not as profitable and neither the good and improved tools associated with agriculture were developed Rain was also irregular Everyone used to plant the same type of crop No more fertilizers of high quality were available by the government and the dealer. Subsidies were also not available in agricultural materials, Brokers used to buy all the produce of the farmers at very low prices and sell it in the market at high prices. The farmers of our country have seen everything from the drastic weath...

किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कैसे करें ?

 किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कैसे करें ?    This article is also available in English | Click here | आमतौर पर किसान भी जानते हैं कि जैविक खेती ही कृषि का मूल सिद्धांत है किन्तु  बढ़ती जनसंख्या के साथ उत्पादन की मांग बढ़ रही है और इसी के चलते किसान आज जैविक खेती को छोड़कर रसायनिक खेती के आधुनिक तौर तरीके अपनाने लगे हैं | जैविक खेती को अच्छा क्यों माना जाता है?  किसानों की लागत कम लगती है उन्हें महंगे महंगे रसायनिक फ़र्टिलाइज़र नहीं खरीदने पड़ते और इसका दूसरा यह फायदा है कि सारा उत्पात बिना मिलावटी रसायनिक खाद का होता है,  जो मनुष्य की सेहत को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाता और वातावरण के लिए भी अच्छा होता है लेकिन जैविक खेती के अकेले सिर्फ यही दो फायदे नहीं है इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं जो हमें किसानों तक पहुंचाना जरूरी है जैसे :- जैविक खेती से मृदा का स्वास्थ्य अच्छा होता है जिससे उस में पनपने वाले सूक्ष्मा जीव ,पौधों को उनका भोजन बनाने में मदद करते है | जैविक खाद को आप अपने खेत में ही तैयार कर सकते हैं और इससे...

Lord Shiva Sketch - HAND MADE - by Ujjwal

This sketch was made by me on  4 March, Monday on  MAHA SHIVRATRI Material Required -  • Single HB pencil , 2, 4, 6, 8 • Pencil color • Cotton cluster. Procedure - • Draw outline form Single HB Pencil. • By using HB 4 pencil, darken the outlines drawn by Single HB pencil. • Now complete the main details from top to bottom by different pencil combination. • By using HB 6, and HB 8 pencil again dark the inner shades of main outlines. • Now use the Cotton cluster to reduce the sharpness. • Gradually rub the cotton to make appearance soft, and uniform spreading of black shades. • The last step is to fill orange color with brownies flavor in the sketch. • Use pencil color for orange color also. Average time required :- • 2 Hours   - UJJWAL PATEL

Soil Salinity - Saline, Sodic, Problems & Reclamation

There are many problems faced by farmers while tilling the soil such as improper pH, erosion, or loss of organic matter and nutrients.  But one of the most serious and persistent problem over the history of agriculture, in so many of the drier regions of the world has been Salinity . View Semester Wise Subjects list of B.Sc Agriculture | Click here to view | As a broad way we can say that soils of humid regions tend to become acid, while soils of arid regions tend to become saline. I’m Tapsendra Patel and in this article we will discuss soil with it’s Salinity issues and how to overcome from this problem. Farmers in the more arid parts of the nation have a several soil related problem—an accumulation of soluble salts. This accumulation can became a major problem in dry climates where natural amount of rainfall cannot flush the salts out of the soil .  • This problem can also occur with poor drainage in irrigated fields.  Irrigation water imports salts into fields where t...